Bulleh Shah Mythological Hindi Kids Stories(2024) | इनायत शाह जी और बुल्ले शाह जी के "गुरु-शिष्य प्रेम की कहानी

Bulleh Shah Mythological Hindi Kids Stories(2024) | इनायत शाह जी और बुल्ले शाह जी के "गुरु-शिष्य प्रेम की कहानी


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इनायत शाह जी और बुल्ले शाह जी के "गुरु-शिष्य प्रेम की कहानी


इनायत शाह जी और बुल्ले शाह जी के "गुरु-शिष्य प्रेम " की बहुत सी कहानियां और किस्से तो आप सब ने सुने ही होंगे। इन्ही में से एक किस्सा ये भी है ,जिसमें दिखाया गया है कि कैसे गुरु अपने शिष्य को दीक्षा देने से पूर्व परखते हैं।

एक दिन इनायत शाह जी के पास बगीचे, में बुल्ले शाह जी पहुँचे।उस वक़्त शाह इनायत जी बगीचे में से बूटी निकाल रहे थे। वे अपने कार्य में इतने व्यस्त थे जिसके कारण उन्हें बुल्ले शाह जी के आने का पता न लगा। बुल्ले शाह ने उनका ध्यान अपनी तरफ करने हेतु अपने आध्यात्मिक अभ्यास की शक्ति से परमात्मा का नाम लेकर "आमों " की ओर देखा ,तो पेड़ों  से सारे  आम गिरने लगे।


इनायत शाह  जी ने जब देखा कि सारे आम गिर रहे है ,तो उन्होंने अपना ध्यान बुल्ले शाह जी की तरफ किया और पूछा, “क्या यह आम आपने तोड़े हैं ?” बुल्ले शाह ने कहा," हज़ूर , ना तो मैं पेड़ पर चढ़ा, और ना  ही मैंने  पत्थर फैंके, फिर भला मैं कैसे आम तोड़ सकता हूँ "

इनायत शाह जी ने  बुल्ले शाह को ऊपर से नीचे तक अच्छी तरह से देखा और मुस्करा कर कहा, “अरे तू चोर भी है और चतुर भी ”

बुल्ले शाह जी  फ़ौरन  इनायत शाह जी के चरणों में गिर पड़े मानों चोरी पकड़ी गयी हो।बुल्ले शाह जी ने अपना नाम बताया और कहा," मैं रब को पाना चाहता हूँ",क्या आप मेरी मदद कर सकेंगे "


इनायत शाह  जी ने कहा,


“ बुल्लिआ रब दा की पौणा,
 एधरों पुटणा ते ओधर लाउणा ”

"ਬੁੱਲ੍ਹਿਆ ਰੱਬ ਦਾ ਕੀ  ਪਾਉਣਾ ,
ਏਧਰੋਂ ਪੁੱਟਣਾ  ਤੇ ਓਧਰ ਲਾਉਣਾ "


इन सीधे- सादे और सरल शब्दों में इनायत शाह जी  ने रूहानियत का तमाम  सार समझा दिया कि मन को संसार की तरफ से हटाकर परमात्मा की ओर मोड़ देने से रब मिल जाता है।  बुल्ले शाह ने भी ये प्रथम दीक्षा गांठ बांध ली और सदा के लिए अपने गुरु के मुरीद बन गए। 

Bulleh Shah Mythological Hindi Kids Stories(2024) | इनायत शाह जी और बुल्ले शाह जी के "गुरु-शिष्य प्रेम की कहानी

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